जैविक कृषि तकनीक में स्वरोजगार को बढ़ावा देने सीएसवीटीयू की अनूठी पहल

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आरसीओएनएफ नागपुर और सीएसीवीटीयू फोर्टे भिलाई में दिया जाएगा प्रशिक्षण

ग्रामीण परिवेश से चयनित 30 युवाओं के लिए एक माह का इंटर्नशिप प्रोग्राम

भिलाई। छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय (सीएसवीटीयू) भिलाई ने ग्रामीण युवाओं के बीच स्व-रोजगार को बढ़ावा देने के लिए जैविक और प्राकृतिक खेती से संबधित इंटर्नशिप कार्यक्रम की शुरुआत की है । इसके पहले चरण के 30 सीटों पर प्रशिक्षण दिया जाना है जिसमें 22 सीटें छत्तीसगढ़ राज्य के लिए तथा 8 सीटें महाराष्ट्र व आंध्रप्रदेश के छात्रों के लिए आरक्षित की गई है। क्षेत्रीय जैविक और प्राकृतिक खेती केंद्र (RCONF), नागपुर (कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार की एक इकाई) के सहयोग से आयोजित इस इंटर्नशिप के दौरान पहला चरण मे 15 से 24 मार्च तक आरसीओएनएफ नागपुर में और दूसरे चरण में 26 मार्च से 14 अप्रैल तक सीएसवीटीयू-फोर्टे भिलाई में प्रशिक्षण दिया जाएगा। 15 मार्च को सीएसव्हीटीयू के कुलपति डॉ. मुकेश कुमार वर्मा, एडिशनल कमीश्नर नागपुर रविंद्र एच ठाकरे व डॉ. ए.एस. राजपूत क्षेत्रीय निदेशक आरसीओएनएफ नागपुर ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। डॉ. प्रवीण के. वूटला जेएसओ आरसीओएनएफ पाठ्यक्रम समन्वयक तथा डॉ.आर.एन.पटेल समन्वयक सीएसव्हीटीयू फोर्टे सहित चयनित छात्रों एवं अन्य अधिकारी-कर्मचारियों की उपस्थिति में उद्घाटन कार्यक्रम नागपुर में संपन्न हुआ।

उल्लेखनीय है कि सीएसवीटीयू-ग्रामीण प्रौद्योगिकी और उद्यमिता फाउंडेशन (सीएसवीटीयू-फोर्टे) के तहत जैविक और प्राकृतिक खेती (CCONF) पर एक महीने के सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया गया है। इस इंटर्नशिप प्रोग्राम में प्रशिक्षण प्राप्त करने 108 छात्रों ने किया था आवेदन किया था, जिनमें 30 का किया गया। इसमें ऐसे युवाओं का चयन किया गया जो एक माह पूर्णकालिक प्रशिक्षण शाला में उपस्थित हो कर प्रशिक्षित होने को तैयार थे तथा जिन छात्रों ने कृषि में अपना भविष्य सुनिश्चित कर रखा है। इसके अलावा चयन प्रक्रिया में ऐसे आवेदकों को प्राथमिकता दी गई जिनके पास कृषि क्षेत्र में कार्यानुभव है और कृषि संसाधनों की उपलब्धता है ताकि ऑर्गेनिक कृषि के साथ स्वरोजगार की दिशा में कार्य गति पकड़ सके।

सभी आवश्यक एक्सपोजर देने किया कोर्स डिजाईन:

विश्वविद्यालय प्रबंधने के अनुसार सर्टिफिकेट कोर्स प्राकृतिक और जैविक खेती की तकनीकों पर सभी आवश्यक एक्सपोजर देने के लिए अच्छी तरह से डिज़ाइन किया गया है, जिसमें मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, फसल प्रबंधन पोषक तत्व और कीट प्रबंधन, जैव उर्वरकों की तैयारी/निर्माण, जैव कीटनाशक और पौधों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले आदि शामिल हैं। इसके अलावा वे जैविक खेती का अर्थशास्त्र और जैविक प्रमाणन की प्रक्रिया भी सीखेंगे। पाठ्यक्रम के दौरान उम्मीदवारों को क्षेत्र में प्रसिद्ध विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण के साथ-साथ व्यावहारिक प्रशिक्षण और क्षेत्रीय कृषि भ्रमण से अवगत कराया जाएगा। उन्हें ग्रामीण उत्पादों की ब्रांडिंग, उनकी पैकेजिंग, मार्केटिंग और वर्तमान में संचालित सरकार की जैविक खेती पर योजनाओं का लाभ लेना भी सिखाया जाएगा। 30 दिनों के सर्टिफिकेट कोर्स के सफल समापन के बाद, चयनित उम्मीदवारों को CSVTU-FORTE द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में स्व-रोजगार को बढ़ावा देने के लिए वित्त, विपणन, व्यवसाय मॉडल की तैयारी और कंपनी गठन के विभिन्न पहलुओं में और प्रशिक्षण के लिए विस्तारित अवसर प्रदान किया जाएगा। उम्मीदवारों के व्यावहारिक प्रदर्शन के लिए सीएसवीटीयू, नेवई, भिलाई के परिसर में जैविक खाद बनाने और जैविक खेती में एक पायलट परियोजना पहले ही शुरू की जा चुकी है।

7 हजार प्रति माह स्कॉलरशिप:

इस विस्तारित इंटर्नशिप कार्यक्रम के दौरान उम्मीदवारों को सात हजार रूपये मासिक स्कॉलरशिप प्रदान किया जाएगा और प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन। चयनित उम्मीदवारों को एक लाख रुपये तक की सीड मनी भी एक सीमित अवधि के लिए CSVTU-FORTE से मेंटरिंग, हैंडहोल्डिंग और मार्केटिंग सपोर्ट के साथ अपना खुद का व्यवसाय/उद्यम स्थापित करने के लिए दिया जावेगा। इसके बदले उम्मीदवार को पारस्परिक विकास और लाभ के लिए CSVTU-FORTE के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना होगा।


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