जन्मजात मोतियाबिंद से ग्रस्त थी बच्ची, जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर लौटाई ज्योति

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-नेत्र विभाग में सतत् रुप से किये जा रहे मोतियाबिंद के ऑपरेशन

-दुर्ग के साथ-साथ अन्य जिले के मरीज भी लाभान्वित हो रहे

दुर्ग। जिला चिकित्सालय दुर्ग के नेत्र रोग विभाग द्वारा मोतियाबिंद के मरीजों सतत् रूप से ऑपरेशन किया जा रहा है। नेत्र रोग विशेषज्ञ एवं उनकी टीम द्वारा मोतियाबिंद से ग्रस्त बच्चों का सफल ऑपरेशन किया जा रहा है। इसका ताजा उदाहरण वर्तमान में देखने को मिला, ग्राम गिंधवा ब्लाक डोंडीलोहरा जिला बालोद की निवासी 13 साल के बच्ची प्रतीज्ञा का सफल ऑपरेशन किय गया। प्रतीज्ञा जन्म से ही मोतियाबिंद से पीड़ित थी। आँखो की समस्या के ईलाज के लिये विगत 6 माह से विभिन्न अस्पतालों में भटक रही थी, उन्हें जिला बालोद से विगत 11 सितम्बर को उपचार हेतु जिला चिकित्सालय दुर्ग रेफर किया गया था। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. कल्पना जैफ द्वारा बताया गया कि मरीज को 1 आँख से बिल्कुल नही दिखाई दे रहा था, सिर्फ टॉर्च की लाईट में ही मरीज आंशिक रूप से थोड़ा बहुत देख पा रही थी। मरीज की प्रारंभिक जाँच के बाद पाया गया कि मरीज जन्मजात मोतियाबिंद से ग्रसित थी। दो दिन बाद 13 सितंबर को डॉ. संगीता भाटिया  के नेतृत्व में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. कल्पना जैफ एवं उनकी टीम द्वारा मरीज की सर्जरी की गई। जिसमें शत्रुहन सिन्हा, माया लहरे, दुर्गा सिन्हा, नेत्र सहायक अधिकारी विवेक सोनी एवं आशा ब्रह्मभट्ट ओटी नर्सिंग इंचार्ज एवं उनकी टीम द्वारा विशेष योगदान दिया गया। सर्जरी के बाद मरीज के विजन में काफी सुधार देखने को मिला है। इसके पूर्व में भी 6 सितंबर  को जिला चिकित्सालय में 1 ही दिन में कुल 31 मरीजो के मोतियाबिंद के सफल ऑपरेशन किये गये थे जिसमें अधिकांश मरीज धमधा, निकुम, दुर्ग एवं भिलाई के लाभान्वित हुये है। मरीज तमन्ना उम्र 13 वर्ष जोकि चोट के कारण मोतियाबिंद से ग्रसित थी उनकी भी सफलतापूर्वक सर्जरी की गयी। अस्पताल के नेत्र विभाग में प्रतिमाह औसतन 250-300 मरीजों की सर्जरी की जा रही है। दुर्ग जिले के साथ-साथ आसपास के अन्य जिले के मरीज भी लाभान्वित हो रहे हैं।


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