गांधी की शांति मरे हुए लोगों की शांति नहीं, एक चुनौती भरी जिंदगी है: कुमार प्रशांत
गांधी की शांति विषय पर परिचर्चा में मुख्यमंत्री भूपेश बोले – गांधी ने अहिंसा का लोकव्यापीकरण किया
रायपुर. रायपुर में देश के मशहूर गांधीवादियों का जमावड़ा और चर्चा हुई। मौका था आज के माहौल में गांधी की शांति की अवधारणा को समझने और उसकी संभावनाओं पर चर्चा करने का। इस विषय पर हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। जबकि कार्यक्रम में मुख्य वक्ता गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष कुमार प्रशांत थे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अहिंसा गांधी से पहले भी थी। उन्होंने कहा कि बुद्ध की अहिंसा उनके शिष्यों के ज़रिए आगे बढ़ी लेकिन गांधी ने अहिंसा की ताकत को पहचाना। गांधी ने अहिंसा का लोकव्यापीकरण किया। उन्होंने कहा कि गांधी ने अहिंसा की खोज संघर्ष के लिए ही नहीं किया बल्कि उसे जिया। गांधीजी का कहना था हिंसा से जीता तो जा सकता है लेकीन शांति की स्थापना नही की जा सकती। भूपेश बघेल ने कहा कि गांधी ने आज़ादी के साथ उन लोगों की लड़ाई लड़ी, जो वंचित, शोषित और दलित थे। वे स्त्री अधिकारों और अस्पृश्यता के खिलाफ लड़े। भूपेश बघेल ने कहा कि गांधी ने किसानों और मेहनतकशों के साथ लड़कर उन्हें सम्मान दिलाया। भुपेश बघेल ने कहा कि उन्ही के अनुरूप छत्त्तीसगढ़ सरकार ग्राम सुराज लेकर आई है। उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर को गोबर से बिजली बनाने की शुरुआत की जाएगी। राज्य में अब केवल उद्योगपति का ही पावर प्लांट नहीं होगा बल्कि गांव के गौठान का भी बिजली प्लांट होगा। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव क्यों सरसो तेल बेचेगा, गांव का हमारा किसान सरसों तेल बेचेगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कुमार प्रशांत ने कहा कि वे सोचते हैं कि गांधी से ज़्यादा शांति पैदा करने वाला कोई व्यक्ति नहीं था. वे जहां भी गए, अशांति पैदा की। जेल गये, धाराएं लगी, लाठियां चलीं। इस शांति से उन्होंने शांति पैदा की। कुमार प्रशांत ने कहा कि गांधी की शांति और हमारी शांति में फ़र्क है। गांधी की शांति मरे हुए लोगों की शांति नहीं है। ज़िंदा रहने वाले लोगों की शांति है। शांति की खोज करने वालों की शांति है। गांधी की शांति एक चुनौती भरी जिंदगी है। उन्होंने कहा की पूरी दुनिया में लोग सड़कों पर हैं। वे अपने लिए इज़्ज़त की ज़िंदगी और ईमान की रोटी चाहते हैं। क्या ये मांग पूरी नही हो सकती।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए एकता परिषद के संस्थापक राजगोपाल पीवी ने कहा कि जिस तरह आन्दोलन करने वालों को अहिंसक होना चाहिए उसी तरह सरकार को भी अहिंसक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को अपनी योजना के लिए एक लेंस अहिंसा का रखना चाहिए कि किसी योजना से हिंसा फैलेगी या अहिंसा। उन्होंने पुलिस की हिंसा खत्म करने की मांग की। कार्यक्रम में प्रदेश के वरिष्ठ गांधीवादी बालचंद कछवाहा ने एक गांधी गीत गाया। कार्यक्रम का संचालन गौतम बंधोपाध्याय ने किया। कार्यक्रम का आयोजन गांधी विचार फाउंडेशन, अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन और न्यू नैरेटिव फाउंडेशन ने मिलकर किया।