राजिम में पुरखा के सुरता का अनूठा आयोजन सम्पन्न
राजिम. 2 अक्टूबर गांधी जयंती के पावन अवसर पर साहू समाज के आराध्य देवी भक्तिन राजिम माता के कर्मस्थली राजिम नगर में प्रदेश साहू संघ छत्तीसगढ़ के कला, साहित्य एवम रचनात्मक प्रकोष्ठ राजिम माता मंदिर समिति और जिला कार्यकारणी साहू समाज गरियाबंद के सयुंक्त तत्वाधान में पुरखा के सुरता बौद्विक परिचर्चा का आयोजन साहू छात्रावास के भव्य प्रांगण में किया गया। कार्यक्रम भुनेश्वर साहू जिला अध्यक्ष जिला साहू संघ गरियाबंद की अध्यक्षता में प्रदेश साहू संघ के अध्यक्ष अर्जुन हिरवानी के मुख्य आतिथ्य और चंदूलाल साहू पूर्व सांसद महासमुंद लोक सभा के विशिष्ट आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ के साहू समाज में कला, साहित्य एवं संस्कृति के माध्यम से अपनी वैचारिकता के आलोक में समाज को नई दिशा देने वाले समाज में प्रगतिशील सोच वैज्ञानिक और तार्किक चिंतन पैदा करने वाले अपने उपार्जित और पैतृक संपत्ति को जनहित में दान करने वाले पुरखों का पुण्य स्मरण करते हुए उनके कार्यों का अनुकरण करते हुए जाति स्वाभिमान और आत्म गौरव जागृत करना था।
छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ के कला एवम रचनात्मक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष भाई धनराज बागबाहरा की नवीन संकल्पना और गरियाबंद जिला कार्यकारणी के अथक प्रयास से आयोजित इस बौद्धिक परिचर्चा में प्रदेश भर के साहू कवि, लेखक, चिंतक और विचारकों की गरिमामय उपस्थिति रही। राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लेखक विनोद साव दुर्ग, डॉ बिहारी लाल साहू रायगढ़, कवि और समधुर गीतकार सीताराम साहू, श्याम बालोद, चिंतक, विचारक और इतिहासकार कुबेर साहू राजनांदगांव, ख्यातिलब्ध बाल साहित्यकार और हिंदी भारती के प्रदेश अध्यक्ष बलदाऊ राम साहू, समाज गौरव प्रकाशन के मुखिया और प्रखर बुद्धिजीवी डॉ सुखदेव राम साहू सरस् रायपुर और बीरेंद्र सरल-मगरलोड ने अपने विचार रखे। दोपहर बारह बजे से प्रारम्भ होकर यह बौद्धिक परिचर्चा का यह कार्यक्रम लगातर रात्रि आठ बजे तक अविरल अविराम चलता रहा। प्रदेश भर से उपस्थित कवियों ने काव्यपाठ किया। जिलाकार्यकरिणी गरियाबंद, मंदिर समिति राजिम और राजिम नगर के सामाजिक बुद्धिजीवियों के प्रणम्य प्रयास से आयोजित इस बौद्धिक परिचर्चा की सराहना पूरे नगर में हुई। इस अवसर पर सामाजिक प्रतिभाओं का सम्मान किया गया।