राष्ट्रगान के साथ अभिजीत महायज्ञ का शुभारम्भ, प्रदेशभर से श्रद्धालु हो रहे शामिल

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जय शक्ति आश्रम निकुम में हो रहा 99 दिवसीय भव्य अनुष्ठान

भिलाई. राजलक्ष्मी मंदिर जय शक्ति आश्रम निकुम में आयोजित 99 दिवसीय अभिजीत महायज्ञ का शुभारम्भ राष्ट्रगान के साथ 7 अक्टूबर को हुआ. यह आयोजन 14 जनवरी २०२२ तक चलेगा. प्रतिदिन दो घंटे विशेष मंत्र का लगातार जाप होगा. इसका शुभारम्भ विशिष्ट लोगों और श्रद्धालुओं की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ. सर्वप्रथम राष्ट्रध्वज तिरंगे झंडे की पूजा अर्चना की गयी, उसके बाद सभी राष्ट्रगान में शामिल हुए. देश और प्रदेश के प्रति सम्मान प्रकट करने के बाद लोक कल्याण के संकल्प के साथ आश्रम प्रमुख संतश्री माताजी के मार्गदर्शन में अभिजीत महायज्ञ का शुभारम्भ किया गया. इस भव्य कार्यक्रम में वाद्ययंत्रों के साथ लोकरंग अर्जुन्दा के कलाकारों ने भी शिरकत की और लगातार ॐ क्लीं ॐ नमो नारायणाय राधे कृष्ण का जाप चलता रहा.

अभिजीत महायज्ञ संपन्न होता है, समापन नहीं – माताजी

99 दिनों तक चलने वाले इस महायज्ञ के संबंध में बताते हुए संत श्री माताजी ने बताया की अभिजीत महायज्ञ अद्भुत और अनोखा महायज्ञ है. इसमें न तो आहुति दी जाती है और न ही पुर्णाहुती के साथ इसका समापन होता है. इसमें 99 दिनों तक प्रतिदिन ॐ क्लीं ॐ नमो नारायणाय राधे कृष्ण का जाप किया जायेगा. प्रतिदिन सुबह 11.30 से 1.30 बजे तक भगवान श्री कृष्ण का सभी आव्हान करेंगे. इससे प्रदेश में सुख, शांति और समृद्धि आयेगी. संत श्री माताजी ने बताया की उनका उद्देश्य निकुम में निकुंभला देवी मंदिर और नगरी निर्माण करना है. इस कार्य में एक लाख एक हजार करोड़ लागत आयेगी. इसके लिए वे लगातार सभी से सहयोग मांग रहे हैं. उनका विश्वास है की माता निकुंभला की कृपा से उनका यह उद्देश्य अवश्य पूरा होगा. इससे पूरे विश्व में छत्तीसगढ़ की कीर्ति बढेगी.

माता निकुंभला का पहला मंदिर

महायज्ञ में शामिल होने रायपुर से आये वरिष्ठ समाजसेवी तिलक देवांगन ने कहा कि पूरे देश में इस तरह लम्बे समय तक चलने वाला महायज्ञ देखने को नहीं मिलता है. 99 दिनों तक लगातार वृहद् स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करना सिर्फ माताजी के बस की बात है. श्री देवांगन ने आगे कहा की यह भी पहली बार देखने को मिल रहा है कि किसी धार्मिक कार्यक्रम से पहले राष्ट्र ध्वज कि पूजा और राष्ट्रगान, जो साबित करता है कि देशप्रेम सबसे पहले बाकि सब उसके बाद. उन्होंने बताया कि वे लंबे समय से माताजी से जुड़े हैं और उनके जैसा सादा जीवन जीने वाला संत उन्होंने कहीं नही देखा. उन्होंने कहा की माताजी पर निकुंभला देवी का विशेष आशीष है और माताजी को निमित्त बनाकर निकुंभला देवी छत्तीसगढ़ का जरुर उद्धार करेंगी. यहाँ बनने वाला माता निकुंभला का मंदिर देश का पहला मंदिर होगा. क्योंकि अभी तक कहीं पर माता निकुंभला के मंदिर होने की जानकारी नहीं मिली है.


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