बेमौसम बारिश से फसल हुई बर्बाद ,कृषक संकट में – संतश्री माताजी
दुर्ग। हाल ही बेमौसम हुई बारिश ने किसानों के समक्ष संकट पैदा कर दिया है. इसे लेकर जय शक्ति आश्रम निकुम के प्रमुख संतश्री माताजी ने चिंता जाहिर की है. संतश्री माताजी ने कहा किसान दिन रात मेहनत कर अपने खेतों में फसल उगाते हैं और नुकसान से बचाने उनकी देखभाल करते हैं ताकि उन्हें बेंचकर चार पैसे उनके हाँथ लग सके. लेकिन दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में हुई बारिश ने किसानों की सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. खेतों में पानी भर गया है और फसल ख़राब हो गए हैं. संतश्री माताजी ने कहा कि अभी की बारिश ने सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं, चना, अरहर, लाखड़ी और सब्जी का उत्पादन करने वाले किसानों को पहुँचाया है, वहीँ धान की पैदावार लेने वाले ज्यादातर कृषक अभी की बारिश की मार से बच गए क्यूंकि उन्होंने धान सोसायटियों में बेच दिया था लेकिन नवंबर में हुई बारिश ने कई किसानों की फसल बर्बाद कर दी है. उनकी फसल कटाई के लिए तैयार ही हुई थी की बारिश हो गयी. उनके खेतों में पानी भर गया और खड़े फसल धराशायी हो गए. वहीँ कई किसानों के समक्ष फसल अंकुरित होने की भी समस्या आई है. संतश्री माताजी ने मौसम की मार के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे सभी किसानों की हरसंभव मदद करने की मांग शासन-प्रशासन से की है.
खेतों में ही सड़ गईं सब्जियां
संतश्री माताजी ने कहा की अभी की बारिश ने सर्वाधिक नुकसान सब्जियों और फलों की खेती करने वालों को पहुँचाया है. अपने आँखों के सामने अपनी फसल को बर्बाद होते देख किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरा गई हैं. खेतों में लगी भाजियां तो पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं. वहीँ खेतों में पानी भरा होने के कारण टमाटर, फूलगोभी, पत्तागोभी, बैगन आदि सब्जियों के सड़ने की समस्या आ रही है. जिनके खेत में अभी-अभी सब्जियों के फूल लगे थे वे भी इस बारिश में झड़ गए. यही वजह है कि अभी बाजार में सब्जियों और फलों के दाम ज्यादा हो गए हैं.
फलों और दाल पर भी दुष्प्रभाव
संतश्री माताजी ने बताया की खेतों में पानी भरा होने के कारण किसान फल नहीं तोड़ पा रहे हैं. ऐसे में फलों में कीड़े लगने की समस्या सामने आ रही है. मुसलाधार बारिश ने फल बनने से पहले फूल को झड़ा दिया है. इसी प्रकार दाल के भी पैदावार को बारिश ने बुरी तरह प्रभावित किया है. दिसंबर से ही किसान अरहर, चना आदि दाल की पैदावार लेना शुरू करते हैं और इसी वक्त बारिश हो जाने से उनकी फसल ख़राब हो गई है. सोयाबीन की खेती करने वालों के लिए भी ये बारिश बहुत नुकसानदायक रही है.