दुर्ग नगर निगम के विशेष सामान्यसभा में लाए गए दोनों प्रस्ताव पारित
विपक्षी पार्षदों ने आवश्यक विषयों पर चर्चा की मांग को लेकर किया जमकर हंगामा
दुर्ग। अगर किसी भी सदन में बहूमत हो तो किस तरह से डंके की चोट पर अपने निर्णयों पर मूहर लगाया जा सकता है यह बुधवार को दुर्ग नगर निगम की विशेष सामान्यसभा में देखने को मिला। विरोध में विपक्ष कुर्सियां पटकता रह गया और सत्तापक्ष ने बहूमत के दम पर दोनों प्रास्तावों को पारित करते हुए सम्मेलन समाप्ती की घोषणा भी कर दी। उल्लेखनीय है कि अन्य पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग की सर्वे सूची और जाति प्रमाण पत्र संबंधी दो एजेंडों को लेकर दुर्ग नगर पालिक निगम ने बुधवार को खालसा स्कूल कांफ्रेंस हॉल में विशेष सम्मेलन का आयोजन किया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए निगम सभापति राजेश यादव ने विशेष सामान्य सभा के दोनों एजेंडों का पठन किया। मेयर धीरज बाकलीवाल, एमआईसी सदस्य व अन्य पार्षदों की मौजुदगी में हुई इस बैठक में सभापति श्री यादव ने उपस्थितजनों को बताया कि छत्तीसगढ़ क्वांटिफाइबल डाटा आयोग एवं छत्तीसगढ़ शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के निर्देश पर राज्य की जनसंख्या में अन्य पिछड़ा वर्ग तथा आर्थिक एवं कमजोर लोगों के सर्वेक्षण एवं डाटा संग्रहण 1 सितंबर 2021 से 30 अप्रैल 2022 तक निगम क्षेत्र में किया गया था। जिसके बाद 5 मई 2022 को सूची का प्रकाशन कर 13 मई को दावा आपत्ति आमंत्रित किया गया था। उक्त अवधी में प्राप्त कुल 8 आवेदनों का निराकरण कर अंतिम सूची का अनुमोदन किया गया और अब विशेष सामान्य सभा में इसे लाया गया है। इसी प्रकार दूसरे नबंर के एजेंडे के बारे में सभापति श्री यादव न बताया कि छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार जाति प्रमाण पत्र हेतु दुर्ग नगर निगम क्षेत्रातर्गत प्राप्त आवदेनों को एआरआई द्वारा भौतिक सत्यापन एवं पंचनामा कर 161 पात्र हितग्राहियों की सूची तैयार की गई है। जिसके लिए दावा आपत्ति 18 जून 2022 से 24 जून 2022 तक आमंत्रित की गई थी। इस अवधि में किसी भी प्रकार का दावा आपत्ति प्राप्त नहीं होने पर 161 पात्र आवदेनों की सूची संलग्न कर विभाग द्वारा प्रस्तुत किया गया और प्रकरण पर विचार उपरांत 30 जून को एमआईसी की बैठक में पारित कर विशेष सामान्य सभा में लाने अनुमोदित किया गया।
नियम ताक पर रखे जा रहे – विपक्ष
जिस समय सभापति श्री यादव एजेंडों का पठन कर रहे थे उसी वक्त विपक्षी पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया था। विपक्षी पार्षदों का कहना था कि शहर के और भी बहुत जरुरी विषय हैं जिन पर चर्चा करने सामान्य सभा बुलाई जाए, इस तरह से सिर्फ दो एजेंडों पर बात करने विशेष सामान्य सभा बुलाना गलत है। वहीं सत्तपक्ष उक्त दो एजेंडों की सिवाय किसी और विषय पर बात करने को तैयार नहीं था क्योंकि उनका कहना था कि विशेष सामान्य सभा जिस पर चर्चा करने बुलाई गई है उसी पर बात होगी। इससे विपक्षी पार्षद आक्रोशित हो गए और विरोध स्वरुप नारेबाजी करने के अलावा कुर्सियां भी पटकने लगे। सभापति द्वारा इस दौरान कई बार विपक्ष के पार्षदों को अपने स्थल पर बैठकर अपना पक्ष रखने हेतु निवेदन किया गया किंतु विपक्ष ने उनकी एक नहीं सुनी और सभापति के समक्ष खड़े रहकर विरोध व्यक्त करते रहे।अंततः सभापति द्वारा दोनों विषयो पर मत विभाजन कराकर बहुमत से प्रस्ताव पारित किया गया। विशेष सामान्य सभा में महापौर धीरज बाकलीवाल, आयुक्त प्रकाश सर्वे, एमआईसी सदस्य दीपक साहू, अब्दुल गनी, ऋषभ जैन,संजय कोहले,जमुना साहू, हामिद खोखर,सत्यवती वर्मा,अनूप चंदनिया, मनदीप सिंह भाटिया सहित शंकर ठाकुर,मदन जैन, नरेंद्र बंजारे,नरेश तेजवानी,राजकुमार नारायणी,नीता जैन,शिवेंद्र परिहार,अरुण सिंह,मीना सिंह,देवनारायण चंद्राकर, बृजेश भारद्वाज और अन्य पार्षदगण,एल्डरमेन के अलावा अधिकारीगण मौजूद थे।
राष्ट्रगान का भी नहीं किया सम्मान
हंगामा बढ़ता देख आधे घंटे में ही सभापति ने विशेष सामान्य सभा समाप्त होने की घोषणा कर दी और सभी को राष्ट्रगान के लिए खड़े होने कहा। उपस्थित सभी जन राष्ट्रगान का गायन करने लगे लेकिन विरोध प्रकट कर रहे पार्षदों ने इस पर ध्यान नहीं दिया और वे नाराजगी प्रकट करते हुए अपनी मांग पर अड़े रहे। इसके बाद भी विपक्षी पार्षद नहीं रुके और विशेष सामान्य सभा समाप्त होने के बाद दरवाजे पर बैठ सभापति को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना भगवान से करने लगे।
चर्चा से भाग, बेवजह हंगामा -सभापति
विशेष सामान्य सभा के बाद सभापति राजेश यादव ने हितवार्ता न्यूज से चर्चा करते हुए कहा कि वे आज की बैठक विशेषकर दो एजेंडों पर ही चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी। इसकी जानकारी भी विपक्षी पार्षदों को दी गई थी इसके बावजूद वे अन्य विषयों पर चर्चा करने की मांग पर अड़े रहे। हम तो उन्हें विशेष सामान्य सभा के लाए गए दोनों एजेंडों पर चर्चा करने के लिए 1 घंटे का समय देने को तैयार थे पर वे इस पर चर्चा करनी बजाय बेवजह हंगामा करते रहे। विपक्षी पार्षदों की यह पूरानी आदत है वे सार्थक चर्चा से हमेशा भागते हैं।