दुर्ग नगर निगम द्वारा आयोजित विशेष सामान्य सभा को लेकर विपक्ष का विरोध दूसरा दिन भी रहा जारी
दुर्ग। दुर्ग नगर निगम के सभापति राजेश यादव पर पार्षदों की आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए गुरुवार को विपक्षी पार्षदों ने मौन प्रदर्शन किया। दुर्ग नगर निगम परिसर में सभापति कक्ष के सामने दिए धरने में भाजपा व निर्दलयी पार्षद शामिल हुए और सभी ने बुधवार को आयोजित विशेष सामान्य सभा में उन्हें बोलने का मौका नहीं दिए जाने पर आक्रोश प्रकट किया। धरने पर बैठे पार्षदों का कहना था कि दुर्ग नगर निगम में सत्तारूढ़ कांग्रेस की शहर सरकार बहूमत का दुरूपयोग कर जनप्रतिनिधियों की आवाज दबाने का प्रयस कर रही है। जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा न कर विपक्ष के संवैधानिक अधिकार को छिनने का कार्य किया जा रहा है, जो कि लोकतंत्र के लिए गलत है। सुबह 11 बजे से 1 बजे तक आयोजित धरने में नेता प्रतिपक्ष अजय वर्मा, पार्षद शिवेंद्र सिंह परिहार, देवनारायण चंद्राकर, नरेश तेजवानी, कविता तांडी, मीना सिंह, नरेंद्र बंजारे, अरुण सिंह, कांशीराम कोसरे, अजीत वैद्य, मनीष साहू, शेखर चंद्राकर सहित अन्य पार्षद उपस्थित रहे।
चर्चा से भागने कराया राष्ट्रगान-नेता प्रतिपक्ष
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष अजय वर्मा ने कहा कि कभी भी आधे घंटे में सामान्य सभा समाप्त नहीं होती है। यह ही एक बैठक होती है जिसमें पार्षद शहर से जुड़ी अपनी पीड़ा को व्यक्त करते हैं इसके बावजूद सभापति ने विपक्षी पार्षदों को चर्चा का मौका नहीं दिया। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रगान करने की भी एक परिभाषा होती है। ऐसा नहीं है कभी भी आप राष्ट्रगान शुरु करवा दें और वह भी उस वक्त जब पार्षद अपना आक्रोश प्रकट कर रहे हैं। यह सभी सभापति ने चर्चा से भागने के लिए किया और सभा समाप्ति की घोषणा कर दी। श्री वर्मा ने कहा कुर्सियां तोड़ना गलत बात है अगर ऐसा हुआ है तो वे नेता प्रतिपक्ष होने के नाते अनुशासनात्मक कार्यवाही की मांग करते हैं।
सर्वे के नाम पर छलावा -परिहार
शिवेंद्र सिंह परिहार ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ओबीसी व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के सर्वे के नाम पर छत्तीसगढ़ की जनता से छलावा कर रही है। क्योंकि पहले नहीं हाईकोर्ट से आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाने की भूपेश सरकार की घोषणा पर रोक लगा रखा है। उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश सरकार के इस छलावे का दुर्ग नगर निगम माध्यम बनी बैठी है और सही तरह से यहां पर सर्वे सूची तैयार भी नहीं की गई है। ऐसी ही कई मुद्दों पर हम बुधवार को आयोजित विशेष सामान्य सभा में चर्चा करना चाहते थे लेकिन सभापति ने मौका नहीं दिया, क्योंकि वे जानते थे कि जो हो रहा है सब गलत है।