आईआईटी भिलाई नया है, यहां के विद्यार्थी “नए सपनों, नई सोंच और नई तकनीक के साथ देश की प्रतिष्ठा को आगे बढ़ाएंगे”-राष्ट्रपति

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दीक्षांत समारोह को संबोधित करते राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु


– राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के मुख्यआतिथ्य में हुआ आईआईटी भिलाई का यादगार दीक्षांत समारोह

भिलाई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के मुख्यआतिथ्य में आईआईटी भिलाई का तृतीय व चतुर्थ दीक्षांत समारोह शनिवार को कैंपस के नालंदा हाल में हुआ। कार्यक्रम के विशेष अतिथि के रुप में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय उपस्थित रहे। अध्यक्षता कृष्णमुर्ति वेंकटरमन चेयरमेन बोर्ड ऑर्फ गर्वनर्स आईआईटी भिलाई ने की। यह आयोजन इसलिए भी खास था क्योंकि आईआईटी भिलाई के भिलाई कैंपस में आयोजित पहला दीक्षांत समरोह था। इससे पहले के दीक्षांत समरोह रायपुर में अस्थायी कैंपस में हुए थे। 20 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा आईआईटी भिलाई का स्थायी परिसर राष्ट्र को समर्पित किया गया था। संस्थान की स्थापना 2016 में हुई उसके बाद से अब तक की यात्रा में राष्ट्रपति का स्थायी परिसर का दौरा संस्थान की एक और बड़ी उपलब्धि को दर्शाता है। इस दीक्षांत समारोह में 2023 और 2024 में स्नातक करने वाले 396 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। 2023 बैच के स्नातक छात्रों में 13 पीएचडी, 11 एमएससी, 27 एमटेक, 13 बीटेक ऑनर्स और 123 बीटेक स्नातक शामिल थे। 2024 के स्नातक बैच में 8 पीएचडी, 20 एमएससी, 19 एमटेक, 12 बीटेक ऑनर्स और 150 बीटेक स्नातक थे।

आईआईटी भिलाई के निदेशक प्रोफेसर राजीव प्रकाश ने राष्ट्रपति और अन्य गणमान्य अतिथियों को प्रतिक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।

दीक्षांत समारोह का संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने छत्तीसगढ़ के स्वदेशी और आदिवासी लोगों के सतत विकास के लिए आईआईटी भिलाई के समग्र योगदान की सराहना की। साथ ही संस्थान के पाठ्यक्रम विकास में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) का विशेष ध्यान रखने को एक अच्छा प्रयास बताया। राष्ट्रपति ने सामाजिक रूप से प्रासंगिक अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए निवेश के अवसर प्रदान करने वाले आईआईटी भिलाई इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी फाउंडेशन (आईबीआईटीएफ) के माध्यम से की गई आउटरीच गतिविधियों का अपने भाषण में विशेष उल्लेख किया। राष्ट्रपति श्रीमति मुर्मु ने कहा कि देश में 23 आईआईटी हैं। नए और पुराने आईआईटी मिलकर ऐसा ईकोसिस्टम तैयार करें जो देश को प्रगति की नई ऊंचाईयों पर लेकर जाए । उन्होंने आगे कहा कि आईआईटी भिलाई नया है और मुझे आशा है कि यहां के विद्यार्थी नए सपनों, नई सोंच और नई तकनीक के साथ देश की प्रतिष्ठा को आगे बढ़ाएंगे। राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कहा कि आप सौभाग्यशाली हैं कि आपको भिलाई में पढ़ने का अवसर मिला जो एक बड़े औद्योगिक व शिक्षा केंद्र के रुप में देश में जाना जाता है। राष्ट्रपति ने आईआईटी भिलाई कैंपस के निर्माण और भविष्य की योजनाओं में प्राकृतिक संसाधनों के समुचित उपयोग को दृष्टीगत रखने की भी प्रशंसा की।

राज्यपाल रमेन डेका ने स्नातक छात्रों को सम्मानित करते हुए अपने संबोधन में कहा कि आईआईटी भिलाई ने राज्य के उच्चशिक्षा पारिस्थिति की तंत्र में लंबे समय से चली आ रही कमी को पूरा किया है और बहुत कम समय में संस्थान ने छत्तीसगढ़ के लोगों के दिल और दिमाग में अपनी जगह बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने संबोधन में सभी स्नातकों को बधाई दी । उन्होंने राज्य के लिए काम करने के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता का स्वागत किया, एक अत्याधुनिक आईटी पार्क की स्थापना के साथ-साथ एआई आधारित विद्या समीक्षा केंद्र की स्थापना को इस प्रयास का प्रमुख उदाहरण बताया।

आईआईटी भिलाई के डायरेक्टर प्रोफेसर प्रकाश ने राज्य के आदिवासी समुदायों के सामने आने वाली कठिनाइयों के लिए समाधान विकसित करने हेतु संस्थान के दृष्टिकोण के बारे में बताया । उन्होंने संस्थान की प्रमुख उपलब्धियों के बारे में भी बताया जिसमें आईआईटी भिलाई के विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं में लगातार वृद्धि,  किसानों की उपज बढ़ाने के लिए स्वदेशी ज्ञान प्रणालियों पर निरंतर शोध और उत्पादकता बढ़ाने के लिए भिलाई स्टील प्लांट जैसे प्रमुख हितधारकों के साथ जुड़ना शामिल है। चेयरमेन वेंकट रमणन ने अपने संबोधन में शिक्षा, नवाचार, अनुसंधान और प्रतिभाशाली युवाओं के समग्र प्रशिक्षण के लिए नए मानक स्थापित करने की संस्थान की प्रतिबद्धता की ओर ध्यान आकर्षित किया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आईआईटी भिलाई के सात होनहार विद्यार्थियों को अलग-अलग श्रेणी में स्वर्ण पदक प्रदान किया। 2024 और 2023 बैच में उच्चतम सीजीपीए हासिल करने वाले बीटेक छात्र के लिए संस्थान स्वर्ण पदक क्रमशः नोमान आलम खेरानी और शाश्वत जायसवाल को प्राप्त हुआ। बीटेक छात्र यश टेकचंदानी और मधुर भट्टड ने अकादमिक और पाठ्येतर दोनों डोमेन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के आधार पर निदेशक स्वर्ण पदक प्राप्त किया, जबकि एमटेक छात्र सिदागम रोहित और सत्य विक्रम प्रताप सिंह को क्रमशः 2024 और 2023 में निदेशक स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। बीटेक, बीटेक ऑनर्स और एमएससी में समग्र शैक्षणिक उत्कृष्टता के साथ सर्वश्रेष्ठ छात्रा के लिए निदेशक स्वर्णपदक विधि मित्तल को प्रदान किया गया। सीनेट पुरस्कार उन छात्रों को प्रदान किए गए जिन्होंने विभिन्न शाखाओं और कार्यक्रमों में उच्चतम सीजीपीए हासिल किया।


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