परमात्मा शुद्ध अंत:करण के प्रेम को स्वीकारते हैं- पं. लाखेश्वर पाण्डेय

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– ग्राम मोहलई में भागवत कथा का आयोजन

– भगवान कृष्ण की बाललीला सहित अन्य लीलाओं का किया वर्णन

दुर्ग। मोहलई में आयोजित भागवत कथा में पांडित लाखेश्वर पाण्डेय महामृत्युंजय धाम ने भगवान कृष्ण के बालचित्रों का वर्णन किया। व्यासपीठ पर विराजमान पांडित लाखेश्वर पाण्डेय ने गोपी गीत के माध्यम से बताया कि जीवात्मा और परमात्मा कहीं अलग तत्व नहीं है। जीव जब ब्रम्ह को आर्द्र भाव से पुकारते हैं तो व्यक्त ब्रम्ह साकार रूप में दर्शन देकर भक्त की विरह-वेदना को शांत करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि परमात्मा शुद्ध अंत:करण के प्रेम को स्वीकार करते हैं।

कथावाचक पांडित लाखेश्वर पाण्डेय ने भागवत कथा के दौरान बाल लीला, गोवर्धन धारण, छप्पन भोग आदि लीलाओं का भी विस्तार से वर्णन कर श्रद्धालुओं को भक्तीरस से आनंदविभोर किया। भागवतकथा में प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं और सुमधुर भजन संगीत के बीच मंत्रमुग्ध होकर कथा का श्रवण कर रहे हैं। भागवत कथा का आयोजन ग्राम मोहलई निवासी कृष्णा देवांगन के सौजन्य से किया गया है।


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