– जिला सहकारी केंद्रीय बैंक अध्यक्ष ने कहा भाजपा नेताओं का आरोप झूठ का पुलिंदा
– 15 जुलाई से पहले फसल बीमा होना चाहिए था, केंद्र ने 25 जुलाई को तय की एजेंसी
– फसल बीमा पोर्टल में ढेर सारी खामियां: गांव का नाम, फसल जैसी एंट्री करने में हो रही दिक्कत
दुर्ग। किसानों के फसल बीमा में विलंब को लेकर भाजपा के आरोपों को जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष राजेंद्र साहू ने झूठ का पुलिंदा करार दिया है। राजेंद्र ने कहा कि फसल बीमा का पोर्टल केंद्र सरकार की एजेंसी चलाती है। एजेंसी तय करने से लेकर पोर्टल शुरू करने में लेटलतीफी के लिए केंद्र की मोदी सरकार कुसूरवार है। केंद्र सरकार को दोषी ठहराने की बजाय भाजपा नेता प्रदेश सरकार की गलती बताकर उलटी गंगा न बहाएं।
राजेंद्र ने कहा कि वास्तव में 15 जुलाई से पहले ही किसानों का फसल बीमा हो जाना चाहिए था। लेकिन, केंद्र सरकार कुंभकर्णी नींद में सोती रही। पूरे देश के किसानों का फसल बीमा करने के लिए एजेंसी तय करने में लेटलतीफी की। केंद्र सरकार द्वारा 25 जुलाई को एजेंसी तय की गई। सभी प्रदेशों को यह जानकारी दी गई कि 28 जुलाई को फसल बीमा का पोर्टल खुलेगा। सच ये है कि 28 जुलाई को भी पोर्टल नहीं खुला। पोर्टल 29 जुलाई को खुला।
राजेंद्र ने कहा कि 29 और 30 जुलाई को अवकाश के बावजूद किसानों का फसल बीमा करने सहकारी बैंक की सभी शाखाएं खुली रही। बीमा पोर्टल में अभी भी ढेर सारी खामियों के कारण किसानों का फसल बीमा नहीं हो पा रहा है। पोर्टल में कई गांवों में नोटिफिकेशन क्रॉप मक्का प्रदर्शित हो रहा है, जिससे धान के सिंचित व असिंचित का बीमा विवरण दर्ज नहीं हो पा रहा है। कई गांवों का नाम पोर्टल में प्रदर्शित नहीं हो रहा है जिससे बीमित किसानों का विवरण दर्ज नहीं हो पा रहा है।
राजेंद्र ने कहा कि पोर्टल में ये दिक्कतें सभी राज्यों में हो रही है। केंद्र सरकार की एजेंसी के पोर्टल में खामियां होने के कारण किसानों का बीमा नहीं हो पा रहा है। यही वजह है कि पूरे देश में फसल बीमा की तारीख 16 अगस्त तक बढ़ा दी गई है।
राजेंद्र ने कहा कि प्रदेश सरकार ने धान सहित अन्य फसलों की कीमत सबसे ज्यादा देने के साथ ही कर्जमाफी, सिंचाई कर की माफी जैसी योजनाओं से किसानों को राहत दी है। किसानों के फसल बीमा में हो रहे विलंब और पोर्टल में लगातार हो रही समस्याओं के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है। भाजपा नेता इसके लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार बताकर किसानों को गुमराह न करें। किसानों को गुमराह करने के भाजपाई मंसूबे पूरे नहीं होंगे।