-छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी
– सरकारी अस्पतालों में चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था
दुर्ग। छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रांतीय आह्वान पर छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सभी नियमित, ,संविदा एवम जीवनदीप समिति कर्मचारी दूसरे दिन भी बुधवार को हड़ताल पर रहे। दुर्ग जिले में भी इसका व्यापक असर देखने को मिला। जिला अस्पताल दुर्ग, सिविल अस्पताल सुपेला सहित सभी सरकारी अस्पतलो में व्यवस्था चरमरा गई है। पर्याप्त मात्रा में ट्रेंड स्टाफ नहीं होने से मरीजों को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। नर्स, आरएचओ की जगह पर नर्सिंग स्टूडेंट्स से काम लिया जा रहा है। ब्लड बैंक में भी अन्यत्र विभाग के स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है। अव्यवस्था को देखते हुए कई मरीजों को प्राईवेट अस्पतालों का रुख भी करना पड़ रहा लेकिन वहां भी आयुष्मान कार्ड की सुविधा लेने में मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है। हड़ताल की वजह से स्टाफ की कमी झेल रहा स्वास्थ्य विभाग कार्ड से संबंधित ऑनलाइन व्यवस्था को सहीं तरह से नहीं रखा पा रहा है। इधर छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का हड़ताल गुरुवार से और उग्र होने जा रहा है। गुरुवार को सुबह 12 बजे संघ ने रैली निकालकर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। जिला अस्पताल के सामने सभा स्थल से स्वास्थ्य कर्मचारी कचहरी चौक तक मार्च करेंगे। संघ ने ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को इसमें शामिल होने की अपील की है।
गौरतलब है कि 4 जुलाई से छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सभी नियमित, ,संविदा एवम जीवनदीप समिति में कार्यरत कर्मचारी अपनी 24 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन में हैं। स्वास्थ्य कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन आंदोलन में जाने से सभी जिला अस्पताल ,मेडिकल कॉलेज, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, हेल्थ एंड वेल नेस सेंटरों में स्वास्थ्य सेवायें ठप्प हैं। वहीं संघ ने जिला अस्पताल के सामने ही अपना प्रदर्शन जारी रखा है। प्रदर्शन स्थल पर संघ के नेताओ ने बुधवार को सभा को संबोधित किया। छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ दुर्ग संभागीय अध्यक्ष अजय नायक ने कहा कि हमारी सभी मांगे जायज हैं। नियमित कर्मचारियों की वेतन विसंगति , संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण , 62 वर्ष की सेवा गारंटी की मांग करना हमारा अधिकार है। जिलाध्यक्ष सत्येंद्र गुप्ता ने कहा कि डी एम एफ एवं जीवनदीप में कार्यरत कर्मचारियों को कलेक्टर दर से वेतन भुगतान करने की मांग के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सभी कर्मचारियों को पुलिस विभाग की तरह वर्ष में 13 माह का वेतन दिया जाना चाहिए। वैश्विक महामारी covid – 19 में आम लोगों को अपनी और परिवार की परवाह किये बगैर दिन – रात सेवाएं देकर राहत दिलाया, इसमें हमारे स्वास्थ्य कर्मचारी स्वयं भी संक्रमित हुए और कुछ शहीद भी हुए। अधिकांश कर्मचारी अपने परिवारों से ,अपने बीवी बच्चों से दूर रहकर वैश्विक महामारी कोविड-19 में विजय पाया है। प्रदेश महामंत्री सैयद असलम ने कहा कि शासन – प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य कर्मचारियों के योगदान के लिए बड़े- बड़े वायदे किये किंतु पुरा नहीं किया गया। स्वास्थ्य कर्मचारियों के अच्छे योगदान के लिए छत्तीसगढ़ शासन केंद्र में अनेक पुरस्कार और सम्मान प्राप्त कर रही है। आज स्वीकृत पदों के आधे पद में कर्मचारी कार्यरत हैं जिसके कारण स्वास्थ्य कर्मचारियों को काम का अधिक दबाव है। हमारी समस्याओं को शासन द्वारा लगातार अनसुनी किया जा रहा है। सभा को उर्वशी साव, रमन गंधर्व, मानकुंवर गंधर्व, सरस्वती चंद्राकर आदि ने भी संबोधित किया। मुख्य रूप से प्रांतीय पदाधिकारी परमेश पाल, एमआर शेख, मंजू राय, मोहन राव, मेडिकल कॉलेज से केडी बंजारे, सुनंदा श्रीवास्तव ,लक्ष्मीकांत धोते, खिलावन चंद्राकर, राघवेंद्र साहू, रोशन सिंह, दीनदयाल पटेल, रवि सिरमौर, भोज देशमुख, बीएल वर्मा, धनीराम ठाकुर उपस्थित थे। बिमला बाला घरामी, मंजू डे, अनिता मिथलेश, हमजीत कौर, ओम प्रकाश, कमला राजपूत, राधिका, लक्षमीकांत तांडे, प्रदीप कुरवंशी, स्मिता तिवारी, गायत्री साहू, परमेश पूरी, लक्षमीचंद देवांगन, दुर्ग सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल रहे।