–13 माह के वेतन सहित अन्य मांगों का लेकर स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़तला पर
– जिले में भी स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ा व्यापक असर
दुर्ग। छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रांतीय आह्वान पर छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सभी नियमित, ,संविदा एवम जीवनदीप समिति में कार्यरत कर्मचारी मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इसका व्यापक असर आज जिले के सभी सरकारी अस्पतलो में देखने को मिला। डॉक्टर तो ओपीडी में रहे लेकिन सपोर्टिंग स्टॉफ उपलब्ध नहीं रहने के कारण दूर दराज से आए मरीजों को इधर उधर भटकना पड़ा। कई मरीजों को प्राईवेट अस्पतालों का रुख भी करना पड़ा।
गौरतलब है कि 4 जुलाई से छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सभी नियमित, ,संविदा एवम जीवनदीप समिति में कार्यरत कर्मचारी अपनी 24 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन में हैं। स्वास्थ्य कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन आंदोलन में जाने से सभी जिला अस्पताल ,मेडिकल कॉलेज, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, हेल्थ एंड वेल नेस सेंटरों में स्वास्थ्य सेवायें ठप्प हैं। वहीं संघ ने जिला अस्पताल के सामने ही अपना प्रदर्शन जारी रखा है। प्रदर्शन स्थल पर संघ के नेताओ ने मंगलवार को सभा को संबोधित किया। छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ दुर्ग के जिला अध्यक्ष सत्येंद्र गुप्ता ने कहा कि कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियो ने ही अपनी जान को जोखिम मे डाल कर लोगों की सेवाएं की और आज उन्हीं की मांगों को सरकार अनदेखी कर रही है। हमने सोचा था कि प्रदेश के मुखमंत्री भूपेश बघेल संवेदनशील हैं लेकिन उनसे भी निराशा हांथ लगी है। शासन – प्रशासन को लगातार ज्ञापन, प्रत्यक्ष चर्चा ,एक दिवसीय, दो दिवसीय ,तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन के माध्यम से छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ द्वारा लगातार ध्यानाकर्षण कराए जाने के बावजूद भी शासन – प्रशासन द्वारा मांगो को अनसुनी किए जाने के कारण विवश होकर अनिश्चितकालीन आंदोलन का निर्णय लेना पड़ा है। गुप्ता ने बताया कि प्रमुख मांगो में नियमित कर्मचारियों की वेतन विसंगति , संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण , 62 वर्ष की सेवा गारंटी, डी एम एफ एवं जीवनदीप में कार्यरत कर्मचारियों को कलेक्टर दर से वेतन भुगतान करने की मांग के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सभी कर्मचारियों को पुलिस विभाग की तरह वर्ष में 13 माह का वेतन एवं अन्य मांगें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अभी हमने वैश्विक महामारी covid – 19 में आम लोगों को अपनी और परिवार की परवाह किये बगैर दिन – रात सेवाएं देकर राहत दिलाया , इसमें हमारे स्वास्थ्य कर्मचारी स्वयं भी संक्रमित हुए और कुछ शहीद भी हुए। अधिकांश कर्मचारी अपने परिवारों से ,अपने बीवी बच्चों से दूर रहकर वैश्विक महामारी कोविड-19 में विजय पाया है। शासन – प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य कर्मचारियों के योगदान के लिए बड़े- बड़े वायदे किये किंतु पुरा नहीं किया गया। स्वास्थ्य कर्मचारियों के अच्छे योगदान के लिए छत्तीसगढ़ शासन केंद्र में अनेक पुरस्कार और सम्मान प्राप्त कर रही है। आज स्वीकृत पदों के आधे पद में कर्मचारी कार्यरत हैं जिसके कारण स्वास्थ्य कर्मचारियों को काम का अधिक दबाव है। हमारी समस्याओं को शासन द्वारा लगातार अनसुनी किया जा रहा है । संघ के नेताओं ने बताया कि हड़ताल के प्रथम दिन अस्पताल का एवं मेडिकल कॉलेज समस्त स्वास्थ्य सेंटर का कार्य पूरी तरह से प्रभावित रहा। जिला चिकित्सालय दुर्ग में इमरजेंसी सेवा एवं मेटरनिटी सेवा तथा ऑक्सीजन में कार्यरत कर्मचारियों को छोड़कर लगभग सभी कर्मचारी जिसमें नरसिं प्रकोष्ठ एक्सरे टेक्नीशियन लैब टेक्नीशियन ड्रेसर प्रकोष्ठ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी वाहन चालक लिपिक वर्ग कर्मचारी सी एच ओ एवं जीवनदीप कर्मचारी तथा अन्य संविदा कर्मचारी द्वारा आंदोलन में भाग लिया। मुख्य रूप से प्रांतीय पदाधिकारी परमेश पाल, सैयद असलम, अजय नायक, एमआर शेख, मंजू राय, मोहन राव, मेडिकल कॉलेज से केडी बंजारे, सुनंदा श्रीवास्तव ,लक्ष्मीकांत धोते, खिलावन चंद्राकर, राघवेंद्र साहू, रोशन सिंह, दीनदयाल पटेल, रवि सिरमौर, भोज देशमुख, बीएल वर्मा, सरस्वती चंद्राकर, धनीराम ठाकुर, धनेश्वर साहू, के वेंकट राव, भूपेश उपाध्याय एवं मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी महासंघ के आदरणीय अनिल शुक्ला एवं कमलेश राजपूत द्वारा आंदोलन का समर्थन करने उपस्थित हुए।
हमारी पूरी तैयारी है: सीएमएचओ
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जेपी मेश्राम का कहना है कि हड़ताल को देखते हुए विभाग ने पूरी तैयारी पहले ही कर रखी थी इसलिए मरीजों को कुछ खास परेशानी नहीं हुई। मेडिकल कॉलेज व नर्सिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स की सेवाएं ली गईं। सभी सीएचसी व पीएचसी को पहले ही अलर्ट कर दिया गया था। इसके अलावा आयुष्मान योजना के अंतर्गत आने वाले अस्पतालों व नर्सिंग होम्स को भी निर्देशित कर दिया था कि वे समुचित व्यस्था बनाए रखे ताकि विपरित परिस्थिति में मरीजों को समुचित इलाज उपलब्ध हो सके। स्वास्थ्य सेवाओं को चाक चौबंद रखने मे हमने कोई कसर नहीं छोड़ी है।
पूरे प्रदेश में दिखा हड़ताल का असर
बालोद
सरगुजा
नारायणपुर
कोरबा
जांजगीर