जब रुसी इंजीनियर ने सुनाई भिलाई इस्पात संयंत्र निर्माण की कहानी तब तत्कालीन अधिकारियों ने भी कहा वाकई संघर्षपूर्ण पर गर्वभरा था वह दौर

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मुहम्मद जाकिर हुसैन कृत डाक्यू-ड्रामा “भिलाई का सफर-नींव से शिखर की ओर…” का हुआ मंचन

– भिलाई की निर्माण गाथा पर बीएसपी सेक्टर 10 स्कूल के विद्यार्थियों ने दी शानदार प्रस्तुति

भिलाई। जब अपने साथ दुभाषिया लेकर आए सोवियत चीफ इंजीनियर वीई दिमशित्स भिलाई इस्पात निर्माण की गाथा सुनाने लगे तो पास ही खड़े पृथ्वीराज आहूजा, निमाई कुमार मित्रा, शिवराज जैन, डॉ ईआरसी शेखर, अशोक कुमार फोतेदार जैसे ग्रेजुएट इंजीनियर, जिन्होंने बाद के दौर में भिलाई स्टील प्लांट व सेल की दूसरी इकाईयों का नेतृत्व किया, ने भी अपने अनुभव साझा किए और कहा कि वाकई बहुत ही संघर्षपूर्ण पर गौरव से भरा था वह दौर। वहीं दल्ली राजहरा की खदान विकसित करने वाले बिमलेंदु मुखर्जी, सोवियत चीफ इंजीनियर वीई दिमशित्स, बीएसपी में भर्ती होने वाली पहली महिला इंजीनियर प्रमिला खुराना, बीएसपी में नियुक्त होने वाली पहली चिकित्सक डॉ गीता दासगुप्ता तथा भिलाई महिला समाज की संस्थापक नलिनी श्रीवास्तव के माध्यम से भी भिलाई की गाथा बताई। ये सब हुआ कलामंदिर भिलाई के मंच पर, जहां पर बीएसपी सीनियर सेकेण्डरी स्कूल सेक्टर-10 के स्टूडेंट ने भिलाई की निर्माण गाथा पर केंद्रित डाक्यू-ड्रामा “भिलाई का सफर, नींव से शिखर की ओर…” प्रस्तुत किया। विद्यार्थियों ने तत्कालीन इंजीनियरों के किरदार को बखूबी निभाया। इस डाक्यू-ड्रामा में परिकल्पना, लेखन व निर्देशन मुहम्मद जाकिर हुसैन लेखक व पत्रकार का रहा वहीं सहयोगी निर्देशक निशु पांडेय आर्टकॉम भिलाई थे।

उल्लेखनीय है कि स्टील अथारिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के स्वर्ण जयंती समारोह के समापन अवसर और कंपनी की 50 वीं वर्षगांठ पर विशेष आयोजन कला मंदिर में क्रीड़ा सांस्कृतिक एवं नागरिक सुविधाएं विभाग द्वारा किया गया। इस अवसर पर संगीत संध्या का आयोजन हुआ वहीं जिसमें भिलाई इस्पात संयंत्र के स्थापना काल के दौरान देश की अलग-अलग दिशाओं से आए ग्रेजुएट इंजीनियरों के माध्यम से भिलाई के नींव से अब तक के शिखर की कहानी रोचक ढंग से बताई गई।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ईडी पीएंडए एमएम गद्रे थे। इस प्रस्तुति के दौरान श्री गद्रे बेहद भावुक हो गए। अपने उद्बोधन में उन्होंने खास तौर पर इस बात का जिक्र किया कि वह खुद भिलाई में पले-बढ़े हैं और सेक्टर-1 हाई स्कूल में उनके शिक्षक बेनुराम साहू ने भिलाई पर एक कविता लिखी थी, जो उन्हें अब तक याद है। गद्रे ने पूरी कविता भी सुनाई। उन्होंने डाक्यू-ड्रामा की पूरी टीम के काम की सराहना करते हुए बधाईयां दी।

इस डाक्यू-ड्रामा में भिलाई की कुछ विभूतियां और उनके योगदान को भी रेखांकित किया गया। जिसमें पद्मविभूषण पंडवानी गुरू डॉ. तीजन बाई, पद्मश्री शिल्पकार जॉन मार्टिन नेलसन ,छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन, फिल्मकार अनुराग बसु,  भिलाई से  आईआईटी  के  पहले ऑल इंडिया टॉपर (1984) नवीन बुद्धिराजा और गत वर्ष भारत की ओर से चीन से कूटनीतिक चर्चा के प्रमुख रहे लेफ्टिनेंट जनरल (अब सेवानिवृत्त) हरिंदर सिंह शामिल हैं।

इस अवसर पर बीएसपी के सीजीएम माइंस समीर स्वरूप,  सीजीएम पर्सनल निशा सोनी, सीजीएम सूरज कुमार सोनी, डायरेक्टर मेडिकल एंड हेल्थ सर्विसेस डॉ. रविंद्रनाथ, जीएम पीआर-एलएंडए जेकब कुरियन, क्रीड़ा, सांस्कृतिक एवं नागरिक सुविधाएं विभाग के प्रभारी सहीराम जाखड़, बीएसपी सीनियर सेकंडरी स्कूल की प्रिंसिपल सुमिता सरकार व अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण बड़ी संख्या में उपस्थित थे। संचालन सुप्रियो सेन ने किया।


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