घरेलू हिंसा पर रोक लगाने दिया सकारात्मक संदेश
मिसेज यूनिवर्स बेस्ट परफॉर्मेंस और मिसेज यूनिवर्स सेंट्रल पेसिफिक एशिया 2022 खिताब भी अपने नाम किए
भिलाई। दक्षिण-पूर्वी यूरोपीय देश बुल्गारिया की राजधानी सोफिया में आयोजित मिसेज यूनिवर्स 2022 प्रतियोगिता में भिलाई की प्रतिभाशाली प्रेरणा धाबर्डे ने सामाजिक मुद्दों पर अपनी स्पष्ट राय व समाज के लिए कुछ कर गुजरने के जज्बे के साथ सफलतापूर्वक भागीदारी दी। बहुमुखी प्रतिभा की धनी व अब तक विभिन्न सौंदर्य प्रतियोगिताओं में कई सम्मान अपने नाम कर चुकीं इस्पात नगरी भिलाई की तालपुरी निवासी प्रेरणा धाबर्डे भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के साथ मंच पर उतरी और घरेलू हिंसा पर रोक लगाने का सकारात्मक संदेश दिया। उन्होंने प्रतियोगिता में दो महत्वपूर्ण खिताब भी अपने नाम किए।
30 जनवरी से लेकर 5 फरवरी तक विभिन्न सत्रों में हुई प्रतियोगिता के दौरान घरेलू हिंसा विषय पर प्रेरणा द्वारा अभिनीत शॉर्ट फिल्म का प्रदर्शन किया गया। जिसकी वहां उपस्थिति विभिन्न देशों के लोगों ने भरपूर सराहना की। अपनी इस लघु फिल्म के माध्यम से प्रेरणा ने विषम परिस्थितियों में भी परिवार को एकजुट रहने का संदेश दिया।
प्रतियोगिता में रैंप वॉक, शॉर्ट फिल्म, नेशनल कॉस्टयूम और पूरी प्रतियोगिता के दौरान अच्छे व्यवहार के लिए प्रेरणा को मिसेज यूनिवर्स बेस्ट परफॉर्मेंस का खिताब दिया गया। वहीं इस प्रतियोगिता में सुंदरता, बुद्धिमत्ता, व्यवहार कुशलता,वाकपटुता और नेशनल कॉस्ट्यूम वेशभूषा तथा समाज के प्रति अच्छी सोच तथा कार्य करने के आधार पर दिए जाने वाले खिताब के अंतर्गत प्रेरणा धाबर्डे को मिसेज यूनिवर्स सेंट्रल पेसिफिक एशिया 2022 के खिताब से भी नवाजा गया। प्रेरणा धाबर्डे ने इस महत्वपूर्ण प्रतियोगिता में मिले सम्मानों के प्रति आभार जताया और इन सम्मानों को इस्पात नगरी वासियों को समर्पित किया है। उन्होंने कहा कि इस्पात नगरी भिलाई में सकारात्मक माहौल की वजह से ही वह अंतरराष्ट्रीय स्तर की इस प्रतियोगिता तक पहुंच कर उपलब्धि हासिल कर पाई हैं। उल्लेखनीय है कि इस प्रतियोगिता के लिए प्रेरणा का चयन विभिन्न दौर की कठिन परीक्षा के आधार पर हुआ था। इस प्रतियोगिता का स्लोगन ‘खुद को साबित करने महिलाओं को वैश्विक मंच प्रदान करना’ रखा गया और पूरी दुनिया से 100 से अधिक देशों की महिलाएं इसमें प्रतिभागी रहीं।
युद्ध की कराहना नहीं, बुद्ध की करूणा चाहिए:-
नेशनल कॉस्ट्यूम राउंड में प्रेरणा ने भारत के प्रमुख परिधान लहंगा, चोली और चुनरी पहन कर गरिमामय कैटवाक से सबका ध्यान आकर्षित किया। इस दौरान उन्हें सबसे ज्यादा तालियां चुनरी पर लिखे स्लोगन (संदेश) पर मिली। जिसमें उन्होंने ”एक दूसरे से संघर्ष करने के बजाए सामाजिक अन्याय के विरुद्ध संघर्ष करने और युद्ध को ना -शांति को हां” कहने का उल्लेख किया था। उनके इस विश्वव्यापी संदेश ने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया और उपस्थित सभी जजों और सम्मानित अतिथियों ने करतल ध्वनि और तालियां बजाकर प्रेरणा का अभिवादन किया। उनके संदेश को वर्तमान में परिवेश की विभिन्न देशों के बीच चल रहे युद्ध की स्थिति पर निहायत ही जरूरी बताया। प्रेरणा ने कहा कि आज संसार को युद्ध की कराहना नहीं, बुद्ध की करूणा चाहिए। निर्णायकों ने प्रेरणा की बातों से प्रभावित हो कर कहा कि इस तरह की प्रतियोगिता से दुनिया में एक सार्थक संदेश जाना चाहिए।