जग जननी जय जय माँ की आरती में डूबे श्रद्धालु, संत श्री माता जी ने दो घंटे तक किया मंत्रोच्चारण

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– तीर्थराज देवि निकुंभला, राजलक्ष्मी मंदिर, जय शक्ति आश्रम निकुम में चल रहा 26 दिवसीय समुद्र मंथन अमृत कलश महायज्ञ 

– सोलहवें दिन भी श्रद्धालुओं का दिखा भरपुर उत्साह

समुद्र मंथन अमृत कलश महायज्ञ स्थल

दुर्ग। तीर्थराज देवि निकुंभला, राजलक्ष्मी मंदिर, जयशक्ति आश्रम ग्राम निकुम, संत श्री माता जी निवास में 22 जनवरी से चल रहे भव्य आयोजन ‘समुद्र मंथन अमृत कलश महायज्ञ’ के सोलहवें दिन भी दूर दूर से आए जजमनों ने आहुति दी। आश्रम प्रमुख संत श्री माताजी के मंत्रोच्चारण के साथ महायज्ञ को आज के लिए विश्राम दिया गया। संतश्री माताजी ने लगातार दो घंटे विभिन्न मंत्रो के माध्यम से देवी-देवताओं का आव्हान किया। इसी क्रम में 16 फरवरी तक  प्रतिदिन सुबह 11 से 1 बजे तक नित्य आहुति दी जाएगी। अंतिम दिन 16 फरवरी को दुग्धाभिषेक, सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित अन्य आयोजन होंगे।

उल्लेखनीय है कि तीर्थराज देवि निकुंभला, राजलक्ष्मी मंदिर, जयशक्ति आश्रम ग्राम निकुम संत श्री माता जी निवास में अनवरत चलने वाले धार्मिक व अध्यात्मिक आयोजनों की श्रृंखला में 22 जनवरी से 16 फरवरी तक समुद्र मंथन अमृत कलश महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। समुद्र मंथन अमृत कलश महायज्ञ के संदर्भ में जानकारी देते हुए संतश्री माताजी ने बताया कि इस महायज्ञ में अद्भुत आकर्षण है ,कोई दोष नहीं है। इसका मूलमंत्र श्रीं हीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम: है। इस महायज्ञ में जग जननी जय जय मां की आरती की जाती है, लेकिन उन्हें आहुति नहीं दी जाती। संतश्री माताजी ने संदेश देते हुए कहा कि श्री लक्ष्मी कुबेर से कभी बैर नहीं करना, नहीं तो बहुत क्षति होती है। उन्होंने आगे कहा कि इसका आयोजन धन संवर्धन के लिए किया जा रहा है।

एक लाख एक हजार करोड़ का संभावित बजट

 संतश्री माताजी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले का पावन ग्राम निकुम, माँ निकुंभला देवि की पावन नगरी है। यहां पर तीर्थराज देवि निकुंभला मंदिर व नगरी निर्माण किया जाना है। 4 एकड़ मंदिर, 7 एकड़ परकोटा और 25 एकड़ परिसर भूमि चाहिए। इसके लिए एक लाख एक हजार करोड़ रूपए का संभावित बजट है। इसी संकल्प को लेकर संत श्री माताजी द्वारा अनवरत प्रयास किया जा रहा है। 2025 में 1 जनवरी से 26 जनवरी तक राजसूय महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा। संतश्री माता जी ने कहा कि उनका उद्देश्य छत्तीसगढ़ का नाम विश्व पटल पर बढ़ाना है।

केंद्र में धानखरीदी आधारित, छत्तीसगढ़ में निर्धारित-

संत श्री माता जी ने कहा कि किसानों से धान खरीदी केंद्र सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार दोनों कर रही है। धान खरीदी का समर्थन मूल्य केंद्र ने 1940 रुपए पर आधारित है, वहीं दूसरी तहर छत्तीसगढ़ की सरकार ने समर्थन मूल्य 2500 निर्धारित किया है। इन शब्दों के भेद को समझने जरुरी है, ये लगते तो एक जैसे ही लेकिन इनके मायने अलग अलग है।

वीरभद्र का दस हजार किलो दुग्ध से अभिषेक

आश्रम में भगवान वीरभद्र के मंदिर का निर्माण चल रहा है जहां पर भगवान वीरभद्र का शिवलिंग स्थापित है। महायज्ञ के अंतिम दिन 16 फरवरी को दस हजार किलो दूध से भगवान वीरभद्र का अभिषेक किया जाएगा। संत श्री माता जी के मार्गदर्शन में सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक दुग्धाभिषेक होगा। इसी दिन दोपहर 2 बजे से रात 8 बजे तक प्रसिद्ध कलाकार दीपक चंद्राकर की टीम लोकरंग अर्जुंदा द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाएगी।


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