– सीजी कॉस्ट व अरूनोदय मेरीकॉम के साथ विश्वविद्यालय का एमओयू
– जल संरक्षण व संवर्धन के साथ चिकित्सा उपकरणों की दिशा में भी अग्रसर होगा सीएसवीटीयू
भिलाई। छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई (सीएसवीटीयू) द्वारा गुरुवार को छत्तीसगढ़ काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (सीकॉस्ट) रायपुर और अरूनोदय मेरीकॉम प्रा.लि.रायपुर के साथ अलग अलग एमओयू किया गया। जहां (सीकॉस्ट) के साथ मिलकर सीएसवीटीयू छत्तीसगढ़ में जल संरक्षण और संवर्धन की दिशा में कार्य करेगा वहीं अरूनोदय मेरीकॉम के साथ चिकित्सा क्षेत्र के तकनीकी संसाधनों पर शोध, उत्पादों की आवश्यकताओं का विकास तथा स्टार्टअप के माध्यम से उद्यमशीलता को बढ़ावा दिया जाएगा। द्विपक्षीय अनुबंध कार्यक्रम में सीएसव्हीटीयू के कुलपति डॉ.एम.के. वर्मा, सीजी कॉस्ट के निदेशक डॉ. एस कर्माकर, वरि.वैज्ञानिक डॉ.एम.के.बेग, अरूनोदय मेरीकॉम प्रा.लि. के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. ए. दिक्षित, कुलसचिव डॉ. के.के. वर्मा, यूटीडी निदेशक डॉ.पी.के.घोष, सीएसव्हीटीयू फोर्टे निदेशक डॉ. आर.एन.पटेल, विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष सिन्हा, पीआरओ किशोर कुमार भारद्वाज सहित विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग के प्राध्यापक उपस्थिति थे।
इस अवसर पर कुलपति प्रो एमके वर्मा ने कहा कि पूरे देश के साथ साथ छत्तीसगढ़ राज्य की जनसंख्या वृद्धि एवं भावी आवश्यकता को देखते हुए जल के एक-एक बूँद की उपयोगिता बढ़ गयी है। छत्तीसगढ़ के हर गाँव में जल की उपलब्धता सुनिचित करने तथा जल उपलब्धता में आने वाले कठिनाइयों को दूर करने के लिए सीएसवीटीयू और सीकॉस्ट ने एमओयू किया है। इस एमओयू के माध्यम से तकनीकी विश्वविद्यालय तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा जनसंख्या दबाव तथा आवश्यकतानुसार जल संसाधन का उचित उपयोग करने का योजनानुसार लक्ष्य रखा गया है। जल जीवन मिशन के तहत इसे विलेज लेवल ग्राउंड वॉटर प्रोस्पेक्ट्स मैपिंग कहते हैं। यह कार्य दोनों संस्थान मिलकर लोक स्वास्थ्य विभाग छत्तीसगढ़ शासन के लिए करने जा रहे हैं। प्रो वर्मा ने कहा कि भू-जल का सटीक लोकेशन और उपलब्धता की खोज करना अपने आप में ही बहुत बड़ा कार्य है जो की किसी भी स्थान के लिए लगभग असंभव होता है। छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग 1,35,000 वर्ग किलोमीटर में यह कार्य सैटेलाइट टेक्नोलॉजी के माध्यम से इमेज प्रोसेस करके लगभग 22 लेयर्स (जैसे की स्लोप, लैंड यूज लैंड-कवर, लियोलोजी इत्यादि) की 1:10000 स्केल पर मानचित्रण कर भूजल का सटीक लोकेशन और उपलब्धता का खोज करने में सहायक होगा तथा पेयजल की गुणवता उपलब्धता तथा संचय कर राज्यहित में शासन का सहयोग करेगा। साथ ही यह मैप्स छत्तीसगढ़ राज्य में कृत्रिम भूजल पुनर्भरण (artificial groundwater recharge) हेतु सस्टेनेबल वॉटर इंफ्रास्ट्रक्चर साबित होगा ताकि भविष्य में जितना जल ग्राउंड से बाहर आ रहा है उतना ही अन्दर भी जाए और राज्य में भूजल संकट का कभी भी सामना ना करना पड़े। उल्लेखनीय है कि सस्टेनेबल वॉटर इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास का कांसेप्ट सीएसव्हीटीयू के कुलपति द्वारा प्रथम बार 2012 में दिया गया था जब वे एनआईटी रायपुर में प्रोफेसर के रूप में पदस्थ थे और आज सीएसवीटीयू ने उनके मागदर्शन में अपना पहला कदम इस दिशा में बढ़ाया है।
मार्केट से एक चौथाई रेट में मिलेंगे मेडिकल उपकरण
एमओयू के दौरान बताया गया कि अरूनोदय मेरीकॉम प्रा.लि.द्वारा अब तक ऑडियो मीटर व सारयोमीटर उपकरण का निर्माण व उत्पादन किया गया है। यह उपकरण क्रमशः श्रवण बाधित बच्चों, युवाओं व वृद्धों के लिए वरदान साबित होगा तथा उम्र,जलवायु,नशे के सेवन,औद्योगिक आदि कारणों से संक्रमित फेफड़ों के विकारों के परीक्षण व अध्ययन का कार्य करेगी। उक्त दोनों उपकरण बाजार में उपलब्ध लाखों रूपए के प्रचलित दरों सें एक चौथाई दर पर जरूरतमंद लोगों को मिलेगा। यह उपकरण पूर्णतः सेल्फ ऑपरेटेड होगा। इन उपकरणों को सीएसव्हीटीयू के मदद से वाईफाई और इन्टरनेट से कनेक्ट कर डाटा को संग्रहित किया जावेगा और डाटा सीधे परीक्षण हेतु चिकित्सकों को भेजी जाएगी। वहीं यह डाटा चिकित्सा शोध कार्यों के उपयोग में भी लिया जावेगा।