स्वामी विवेकानंद का जीवन हमें गुरु का सम्मान करना सिखाता है : प्रो वर्मा

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-सीएसवीटीयू भिलाई में मनाई गई जयंती, युवा दिवस का भी आयोजन

दुर्ग। छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई में स्वामी विवेकानंद जयंती और युवा दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीपप्रज्वलन के साथ किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कुलपति डॉ. एम.के.वर्मा ने अपने उद्बोधन में बताया कि स्वामी विवेकानंद बचपन से ही काफी कुशाग्र बुद्धि वाले और जिज्ञासु थे। वह परमेश्वर की प्राप्ति के लिए काफी लालायित रहते थे। ईश्वर को जानने के लिए वह काफी उत्सुक रहते थे। रामकृष्ण परमहंस से मिलने के बाद उनका झुकाव आध्यात्मिकता की ओर बढ़ता चला गया। रामकृष्ण को अपना आध्यात्मिक गुरु मानने के बाद वह स्वामी विवेकानंद कहे जाने लगे। प्रो वर्मा ने कहा कि विवेकानंद का जीवन हमें गुरु का मान-सम्मान करना भी सिखाता है। स्वामी विवेकानंद एक सच्चे गुरुभक्त भी थे क्योंकि तमाम प्रसिद्धि पाने बाद भी उन्होंने सदैव अपने गुरु को याद रखा और रामकृष्ण मिशन की स्थापना करते हुए अपने गुरु का नाम रोशन किया।

समकुलपति डॉ. संजय अग्रवाल ने युवा दिवस के मौके पर कहा कि हम सभी न सिर्फ स्वामी विवेकानंद को याद कर श्रद्धांजिल दें, बल्कि हम उनके दिए ज्ञान, बातों, सीखों व चरित्र के एक छोटे से हिस्से को अपने जीवन में भी उतारें। यदि हम सभी उनके द्वारा दिए गए ज्ञान के छोटे से हिस्से को भी अपने जीवन में उतार दें, तो हमें सफल होने से कोई नही रोक सकता है। वहीं कुलसचिव डॉ. के.के.वर्मा ने स्वामी विवेकानंद द्वारा छत्तीसगढ़ में बिताए गए समय पर प्रकाश डालते हुए उन्हें नमन किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय प्रशासन के समस्त कर्मचारी, अधिकारी सहित विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग के प्राध्यापकों व छात्रों ने भाग लिया।


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