– सुपेला अस्पताल पहुंचे कलेक्टर, कहा जिला अस्पताल के बाद सबसे ज्यादा मूवमेंट वाला अस्पताल, इसकी व्यवस्था का रखें खास ध्यान
– अस्पताल में संसाधनों की उपलब्धता और मरीजों के रिस्पांस से कलेक्टर ने जताई खुशी, कहा इसी तरह से मरीजों की देखभाल हो
दुर्ग। कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने बुधवार को सुपेला स्थित शास्त्री अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बुनियादी सुविधाओं के बारे में मरीजों का फीडबैक लिया। मरीजों ने बताया कि डाक्टर समय पर आते हैं और अच्छा इलाज करते हैं। नर्सिंग स्टाफ का व्यवहार और केयर भी बहुत अच्छा है। इसके विपरीत प्रसूति विभाग के एक मरीज ने बताया कि उनकी पत्नी की डिलीवरी हुई है। परसों रात को कुछ देर के लिए बिजली चली गई थी। वार्डब्वाय को जनरेटर आरंभ करने कहा गया लेकिन उसने देर लगाई। आधे घंटे बाद बिजली आ गई लेकिन जो असुविधा हुई, वो आपके समक्ष रख रहे हैं। इस पर कलेक्टर ने कहा कि मरीजों के परिजनों के फीडबैक पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए । उन्होंने अस्पताल प्रभारी डा. पीयम सिंह को उस दौरान ड्यूटी में नियुक्त वार्डब्वाय को नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। अस्पताल प्रभारी डा. पीयम सिंह ने कलेक्टर को जानकारी दी कि ब्लड स्टोरेज यूनिट आरंभ होने और सोनोग्राफी की सुविधा शुरू होने से काफी राहत मिली है और इससे अस्पताल में सुविधाओं का विस्तार हो गया है। नार्मल डिलीवरी के साथ ही सी-सेक्शन भी हो रहा है।
नाबार्ड का 10 बिस्तर अस्पताल बनकर तैयार- कलेक्टर ने नाबार्ड का अस्पताल भी देखा जो अस्पताल परिसर में तैयार हो रहा है। इसमें दस बिस्तर होंगे। कलेक्टर ने डीएमएफ द्वारा तैयार हो रहे 20 बेड के आइसोलेशन वार्ड का निरीक्षण भी किया। कलेक्टर ने कहा कि जिला अस्पताल के बाद सुपेला अस्पताल में सबसे ज्यादा ओपीडी रहती है। इसके अनुरूप यहां हर संभव सुविधाएं सुनिश्चित करेंगे। जिस भी संसाधन की कमी है उससे अवगत कराएं, इसे पूरा किया जाएगा।
माइक्रोस्कोप से देखे मलेरिया पैरासाइट- कलेक्टर ने आज सीएमएचओ कार्यालय परिसर भी देखा। उन्होंने यहां की जरूरतों के संबंध में सीएमएचओ डा. जेपी मेश्राम से जानकारी ली। उन्होंने मलेरिया की जांच का सेंटर भी देखा और मलेरिया रोकथाम के लिए की गई प्रगति की जानकारी भी ली। उन्होंने पूछा कि अभी कितने सैंपल आये हैं। इसके बाद स्टाफ ने उन्हें मलेरिया पैरासाइट की जांच करने के लिए रखा माइक्रोस्कोप दिखाया। कलेक्टर ने माइक्रोस्कोप देखा, चिकित्सकों ने उन्हें जांच प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। उन्होंने मलेरिया भवन में शीट हटाकर लेंटर बनाने के निर्देश दिये।